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SINGRAULI- आप से रानी अग्रवाल मेयर के लिए क्या नही लड़ेंगी चुनाव..?


मुद्दे की बात नीरज द्विवेदी के साथ


अनोखी आवाज़ सिंगरौली। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का भले ही ऐलान नही हुआ है लेकिन आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है,अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी तक आचार संहिता लग जायेगी।

लिहाजा ऊर्जाधानी में मेयर के लिए सामान्य सीट आरक्षित होने के बाद सभी पार्टियों को सोंचने पर बेवश कर दिया है।

पार्टियां प्रत्याशियों की तलाश में जुटी है लेकिन दावेदारो में होड़ मची है। बात भाजपा में दावेदारों की करें तो आकंड़ा एक दर्जन के पार है...ऐसा ही हाल कुछ कांग्रेस में भी है लेकिन आम आदमी पार्टी में लोगो को सिर्फ एक ही चेहरा नजर आ रहा है वह है रानी अग्रवाल। ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामलल्लू वैश्य को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन अंतिम में परिणाम श्री वैश्य के पक्ष में आया। 


खैर इस बार नगरीय निकाय का चुनाव है जिस कारण एक बार पुनः रानी का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है। लेकिन सूत्रों की माने तो इस बार रानी अग्रवाल चुनावी दंगल में नही उतरने वाली...? हालांकि अभी इसकी किसी भी जिम्मेदार ने पुष्टि नही की है लेकिन रानी को चुनावी मैदान में उतरने को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। फिर भी एक बात तो तय है कि यदि रानी अग्रवाल मैदान में उतरेंगी तो लड़ाई दिलचस्प होगी नही तो भाजपा जीत के बेहद करीब रहेगी । कांग्रेस की गुटबाज़ी से हर कोई वाकिफ है जिस कारण हमे नही लगता कि कांग्रेस के लिए कुछ खास होने वाला है। अब रही बात अन्य पार्टियों की जैसे शिवसेना,बहुजन,कम्युनिष्ट पार्टी,अपना दल फिलहाल मौजूदा वक्त में इनसे मेयर के लिए उम्मीद करना कोरी कल्पना होगी।

मुद्दे की बात ये है कि आखिर सिंगरौली कब मामा की जुबानी सिंगापुर बनेगी। पर्याप्त ऊर्जा,राजस्व होने के बाद हालात सबके सामने है। कई वार्ड, मोहल्ले आज भी ऐसे है जहाँ गंदगी का अंबार है,स्वच्छ पेयजल के साथ वातावरण दूषित है लेकिन बिडम्बना तो देखिए मेयर तो बदलते रहे व्यवस्थाएं जस की तस रह गई। हा यदि कुछ बदला है तो जो पहले मेयर की कुर्सी पर रह चुके है उनका रहन-सहन,अपार संपत्ति कुछ नामी कुछ बेनामी कुछ की तो ऐसी स्थिति निर्मित हुई कि लोकायुक्त की जांच तक बैठ गई..?


बड़ा सवाल यह है कि नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कब लगेगा अंकुश..? कौन लगाएगा अंकुश..? सवाल तो ये भी है की 2% से लेकर 5-7 % वाला खेल कब रुकेगा...?


हमे नही लगता कि ये रुकने वाला है क्योंकि जो प्रत्याशी करोड़ो लूटाकर आएगा वो कुर्सी पाने के बाद माला जप तो नही करेगा...जनता को विचार करना चाहिए मुर्गा,दारू का त्याग कर अच्छे व्यक्ति के चयन की ताकि सिंगरौली का विकास हो सके।