अनोखी आवाज़ । कोरोना वैक्सीन की आने की चर्चा के मद्देनजर मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। वैक्सीन के स्टोरेज वाले कोल्ड चेन पॉइंट टीकाकरण केंद्र के इतने पास रखे जाएंगे कि एक घंटे के भीतर वैक्सीन वहां पहुंचाई जा सकें। पूरे प्रदेश में इन कोल्ड चेन पॉइंट की संख्या फिलहाल 1214 है।
इन पॉइंट के मामले में मप्र देश में दसवें नंबर पर है। जबकि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है। इसलिए 62 और पॉइंट बढ़ाए जा रहे हैं। 17 जनवरी को नेशनल पल्स पोलियो डे है। राज्य कोल्ड चेन अधिकारी इंजी. विपिन श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार मप्र को एक करोड़ 42 लाख पोलियो डोज भेज रही है।
यह डोज एक जनवरी को आ जाएंगे। मानना है कि इससे कोविड-19 के वैक्सीनेशन की तैयारियों का परीक्षण हो जाएगा। फिलहाल 24 हजार वैक्सीनेटर्स (टीकाकरण टीम) की ट्रेनिंग हो गई है। राज्य टीकाकरण अधिकारी संतोष शुक्ला ने बताया कि चुनाव में जिस तरह ब्लॉक स्तर पर मॉनिटरिंग होती है, ठीक उसी तरह हर ब्लॉक पर जोनल अधिकारी तैनात किए हैं।
वैक्सीन लगाने वाली टीम
वैक्सीनेटर ऑफिसर : डॉक्टर (एमबीबीएस/बीडीएस), स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, एनएनएम और वह अधिकृत व्यक्ति जो इंजेक्शन लगा सके।
वैक्सीनेशन ऑफिसर 1: पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस,
एनसीसी, एनएसएस या एनवाईके का एक व्यक्ति। यह टीकाकरण केंद्र पर प्रवेश करते समय पंजीयन चैक करेगा।
वैक्सीनेशन ऑफिसर 2: एक व्यक्ति जो दस्तावेजों का परीक्षण करेगा।
वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4 : भीड़ नियंत्रित करने और सहयोग के लिए दो लोग सपोर्टिंग स्टाफ के भी रहेंगे।
कोविन में फीड हो रहा डाटा
मध्यप्रदेश में सड़क मार्ग से वैक्सीन आने के संकेत हैं। इसीलिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में उसे सबसे पहले स्टोर कराया जाएगा। फिर यहीं से बाकी कोल्ड चेन पॉइंट पर भेजा जाएगा। इन सबकी मॉनिटरिंग के लिए नया कोविड एंड कमांड सेंटर भी एनएचएम के नए भवन में बन गया है। जिन्हें सबसे पहले टीके लगने हैं, उनका डाटा ‘कोविन सॉफ्टवेयर’ में फीड किया जा रहा है।