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भोपाल। अपने फसल की कीमत खुद तय करेंगे किसान मंच से कहा बी. डी. शर्मा

   


  नोखी आवाज न्यूज़ (भोपाल) । यदि कोई व्यापारी अपना उत्पाद बनाता है तो उसका मूल्य व्यापारी ही तय करता है, मूर्तिकार अपनी बनाई मूर्ति का मूल्य तय करते है तो खेत में दिन – रात मेहनत करने वाले किसान अपनी उपज का मूल्य क्यों तय नहीं कर सकते हैं ?


हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के हित में वो कानून बनाये है, जो देश के किसानों की समृद्धि का उपाय है। आज़ादी के बाद किसी ने किसानों के हित में कभी चिंता क्यों नहीं की ?

ये हमारा संवैधानिक हक है कि अपने उत्पाद का मूल्य तय करें। ये अधिकार किसानों को अपनी फसल की कीमत तय करने का क्यों नही है ? भारत के किसानों को ये अधिकार अभी तक क्यों नहीं मिले ? यह चिंता का विषय है।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के अधिकारों को संरक्षण करने के साथ ही उन्हें सशक्त करने के लिए तीन प्रमुख विधेयक बनाये हैं। इस बिलों को लेकर कांग्रेस और वामपंथी दल किसान भाईयों को भ्रमित कर रहे हैं।




केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने साफ कहा है कि एमएसपी और मंडी हमेशा की तरह रहेगी। कांग्रेस पूरे देश में इन्हें खत्म करने का सफेद झूठ बोल रही है। इस बिल से दलालों को बड़ा नुकसान होगा, इसी की तकलीफ कांग्रेस को हो रही है।


किसान को इस कानून में स्वतंत्रता है कि वो चाहे तो मंडी में या चाहे तो अपने घर से ही व्यापारी से सौदा कर अपनी फसल की कीमत अपनी इच्छानुसार तय कर सकता है। किसानों को ये हक आज़ादी के बाद पहली बार भाजपा सरकार में मिला है।


खेती में नयी तकनीक अपनाने के साथ ही मंडियों में ई-व्यवस्था अपनाने के लिए कई ऐतिहासिक काम मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किये जा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रदेश में किसानों को पानी, बिजली, खाद तक से मोहताज कर रखा था।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में शहर से खेतों तक पक्की सड़कों का जाल बिछाया गया। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण भाजपा सरकार ने दिया। किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प भाजपा सरकार ने लिया है।