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नहीं होगा संसद का शीतकालीन सत्र

 

कोरोना महामारी के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस के एक सांसद को लिखे पत्र में कहा है कि सभी राजनीतिक दलों की सहमति के बाद यह फैसला लिया गया है। अब जनवरी में सीधा बजट सत्र होगा। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने फैसला लेने से पहले उसके साथ विचार-विमर्श नहीं किया। 

प्रहलाद जोशी ने कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के पत्र के जवाब में यह जानकारी दी है। अधीर रंजन चौधरी ने कृषि बिल पर चर्चा की मांग की थी, जिसके विरोध में किसान दिल्ली के पास राजमार्गों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।



अधीर रंजन चौधरी की चिट्ठी के जवाब में संसदीय मंत्री ने लिखा, उन्होंने सभी दलों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया है और सर्वसम्मति से तय हुआ है कि COVID-19 के कारण सत्र बुलाना ठीक नहीं रहेगा। इसके पहले कोरोना महामारी के कारण मानसून सत्र में भी देरी हुई थी। हालांकि तब 10 दिन सत्र लगा था और 27 बिल पारित हुए थे। उसी दौरान तीन कृषि बिल भी पास हुए थे, जिनका विरोध किसान कर रहे हैं।



संसदीय कार्य मंत्री के अनुसार, कोरोना महामारी को काबू करने की रणनीति में सर्दियों का समय बहुत अहम है। अभी दिसंबर का मध्य चल रहा है और कोरोना वैक्सीन जल्द इजाद होने वाली है। मैंने शीतकालीन सत्र को लेकर दोनों सदनों के सदस्यों से चर्चा की। सभी ने कोरोना महामारी के हालात पर चिंता जाहिर की है।