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20 लाख की बीमा राशि पाने के लिए व्यक्ति ने खुद के गायब होने की रची कहानी


अनोखी आवाज़ शुजालपुर। छह दिन पहले परागसिंह गेहलोत अपनी ग्राफिक्स यूनिट से अचानक गायब हो गया था। इतना ही नहीं यूनिट में आगजनी की घटना भी सामने आई थी। पुलिस ने छह दिनों की मशक्कत के बाद मामले का पर्दाफाश कर दिया। इसमें यह सामने आया कि परागसिंह ने ही मात्र 20 लाख रुपये की बीमा राशि के चक्कर में ग्राफिक यूनिट में खुद आग लगाई थी। यही नहीं, उसने घटना को सनसनीखेज बनाने के लिए उसने अपना खून कार पर बिखेरा। पुलिस परागसिंह को भोपाल से शुजालपुर ले आई है।


जिला पुलिस अधिकारी पंकज श्रीवास्तव ने 3 दिसंबर की आगजनी और गुमशुदगी की घटना को लेकर तत्काल टीम गठित कर दी थी। मंगलवार को पराग के भोपाल में होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और उसे लेकर शुजालपुर आ गई है। बुधवार सुबह एसडीओपी विजयशंकर द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि परागसिंह गेहलोत ने गुरुवार की रात अपनी पत्नी से बात करने के बाद खद अपनी ग्राफिक यूनिट में आग लगाई। अपना खून निकालकर कार पर छिड़क दिया।



35 लाख की देनदारी हो गई

मंगलवार रात 9 बजे पुलिस पराग को शुजालपुर लेकर आ गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह आर्थिक तंगी से परेशान था। कोविड-19 के कारण विद्यालयों के बंद रहने से उसका प्रिंटिंग का व्यवसाय प्रभावित हो रहा था। बाजार में करीब 30 से 35 लाख रुपये की देनदारी हो गई थी। इसलिए उसने इस घटना को रचा और खुद ही अपनी प्रिंटिंग यूनिट में आग लगाई तथा अपना खून निकालकर बाहर खड़ी कार पर लगा दिया, जिससे लोगों को लगे कि मेरे साथ अनहोनी हो गई है। यह सारा घटनाक्रम उसने 20 लाख की बीमा पॉलिसी लेने के लिए किया था।