किस-किस पर गिरेंगी गाज,पुलिस की हिरासत में युवक ने किया था जहर का सेवन
मामला विन्ध्यनगर थाने का,परिजन ने पुलिस पर लगाए थे गम्भीर आरोप
अनोखी आवाज सिंगरौली। पुलिस तो देशभक्ति व जनसेवा का भाव लेकर कार्य करती है। लेकिन जब पुलिस की नीयत और नियति ठीक न रहे फिर तो मतलब और अर्थ भी बदल जाते है..? दरअसल मामला विन्ध्यनगर थाने का है जिसके थाना प्रभारी राघवेंद्र द्विवेदी हैं। बीते 1 सप्ताह पूर्व विन्ध्यनगर थाने में पुलिस की हिरासत में युवक के जहर सेवन का मामला प्रकाश में आया था। मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ कर भोपाल तक जा पंहुचा। हालांकि आज जिले में रीवा जोन आईजी उमेश जोगा का दौरा है। सूत्र बाततें है श्री जोगा आज विन्ध्यनगर थाने का निरीक्षण भी करेंगें। इसी को देखते हुए देखना बड़ा दिलचस्प होगा की आईजी के सामने जहर केश की डायरी ओपन होती है या नही...? अगर होती है तो किस-किस पुलिस कर्मियों पर गाज गिरती है।
ये है मामला
जहर केश की मुख्य बिंदु जयंत से शुरू होता है। जानकारी के अनुसार आरोपी करण साकेत, पिता-लाल बाबु साकेत गोलाई निवासी एक लड़की को भगा ले गया था। जिस प्रकरण में पुलिस उसे खोज रही थी। बताया जाता है कि आरोपी पर पूर्व मे भी चोरीं का प्रकरण दर्ज है। युवक ने जयंत चौकी पुलिस के पास स्वयं जा कर जुर्म कबूल कर लिया। जहा केश की जाँच कर रहें है। एएसआई आर. पी.सिंह ने जमकर गाली-गलौज कर आरोपी को दो दिन तक चौकी के हिरासत में बैठाये रह गए। सुचना मिलतें है परिजन आएं लेकिन मिलने नही दिया गया।
लॉकअप में कहां से मिला जहर...?
अपने आपको नंबर एक बताने वाली विंध्यनगर पुलिस इतनी बड़ी लापरवाही का शिकार हो जाएगी कभी सोची नहीं थी। जहर मामले की जानकारी भोपाल तक पहुंच गई है डीजीपी ने पुलिस अधीक्षक को उचित जांच के आदेश भी दिये है। पूर्ण भरोसा भी है कि कार्यवाही होगी। लेकिन एक प्रश्न सभी के मन में कौंध रहा है कि आरोपी जब लॉकअप में बंद था तो जहर आया कहा से....? बिना किसी जांच के लॉकअप में आरोपी को रख कर निस्फिक्र रहनें वाली पुलिस बड़ी लापरवाही कर गयी। गनीमत यही रही कि युवक उपचार के दौरान ठीक हो गया। मौत नहीं हुई। नहीं तो न जाने इस जहर मामले में किस-किस की नौकरी तक चली जाती।