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SINGRAULI- नारियल- पानी का खेल मासूम बालक की जीवन का बना अंतिम खेल

जयंत बीटीसी छठ घाट में नाबालिग की डूबने से मौत, परिजनों में छाया मातम 



3 घंटे रेस्क्यू के बाद बालक का चला सुराग,लापरवाही का आरोप 


अनोखी आवाज़ सिंगरौली। एक तरफ आस्था का पर्व छठ की पूजा कर खुशी-खुशी श्रद्धालु अपने घर की ओर चलते बने। तो वही खुशी के इस त्यौहार को गम में बदलते थोड़ा सा भी समय नहीं लगा। जानकारी के अनुसार बीते शनिवार को जयंत चौकी क्षेत्र अंतर्गत जयंत बीटीसी छठ घाट में एक नाबालिग की डूबने से मौत हो गई है। बताया जाता है कि मासूम बालक अपने दोस्तों के साथ परिजनों से बिना बताए छठ घाट पर दोस्तों के साथ नहाने व पूजा के नारियल व पैसे निकालने गया था। जहां घाट पर बने तालाब में दोस्तों के साथ नारियल पानी का खेल खेल रहा था। जहां मासूम बालक अनूप रजक पिता- कामेश्वर रजक उम्र-13 वर्ष निवासी- जयंत नर्सरी तलाब के गहरे वाली जगह पर गया। जहां संतुलन बिगड़ने से पानी में डूब गया। जिससे मौत हो गई सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर तलाब में खोजबीन कर मासूम की शरीर को बाहर निकाला। 



 3 घंटे तक चला रेस्क्यू,एसडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी 


बीटीसी तालाब गहरा होने से मासूम बालक को खोजने में देर हो गई। जयंत पुलिस व स्थानीय लोगों ने जैसे-तैसे तालाब के पानी में जाकर सभी खोजने के प्रयास में थे। अंतिम में एसडीआरएफ की टीम टीम बुलानी पड़ी जहां एसडीआरएफ की जवान राम सिंह व जयंत पीसीआर के ड्राइवर ललई यादव के सहयोग से बालक के शरीर को निकाला गया। जहां तत्काल पुलिस ने बालक को 100 डायल की मदद से नेहरू अस्पताल भिजवाया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जैसे ही परिजनों को सुचना मिली नेहरू अस्पताल में लोगों का जमावड़ा लग गया। परिजनों में मातम छाया हुआ है। रो-रो कर बुरा हाल है। 


पीड़ित परिवार को नही मिला नेताओं का सहारा


गरीब परिवार अपनी ऊपर सभी बाधाओं को सहने को तैयार रहता है। किसी से अपनी इक्षा को बताने में चिंतन करता है। ठीक ऐसा ही इसी पीड़ित परिवार के साथ हुआ। देखने को तो जयंत विटीसी छठ घाट पर नेताओं के पोस्टर लगे हुए थे। लेकिन किसी नेताओं ने भी पीड़ित परिवार के साथ सवेंदना व्यक्त तक करने नही आये। सहायता राशि तो मीलों दूर की बात है। न भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने न तो काँग्रेस में किसी ने भी पीड़ित परिवार को सहारा नही दे सके।