नगर निगम की मौन सहमति...? विवादित होने के कारण शहर में होर्डिंग है प्रतिबंधित
अनोखी आवाज़ न्यूज़ सिंगरौली। प्रचार-प्रसार के लिए शहर में लगने वाली होर्डिंग,बैनर पर कुछ कानूनी पेंच फसने के कारण जिला प्रशासन ने आगामी आदेश तक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। यदि इसकी कोई अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अथवा जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। नगर निगम क्षेत्र में अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है ऐसे अवैध होर्डिंग लगने से रोके लेकिन राजनीति के भवर जाल में कोई फसना नही चाहता है लिहाजा ननि के जिम्मेदार लोग भी कान में तेल आंखों पर पट्टी बांधे गहरी निद्रा में जमकर खर्राटे ले रहे है। अवैध होर्डिंग का मामला सत्ता पक्ष के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल से जुड़ा हुआ है। जहाँ प्रतिबंध के बाद भी शहर के अलग-अगल स्थानों पर बकायदा लम्बा-चौड़ा पोस्टर लगा है।
ननि के किसी अधिकारी ने हटाने की नही की जहमत
कानूनी मसले के कारण फिलहाल जिला प्रशासन ने होर्डिंग लगाने को सख्त मना कर दिया है लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि शहर के कई प्रमुख स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल सहित अन्य लोगो का पोस्टर लगा है। जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व शारदा लॉज के सामने कुछ दिनों पूर्व बड़ा पोस्टर लगा था साथ ही रिलायंस चौक,महापौर बंगले के सामने मुख्य मार्ग पर इतना बड़ा अवैध पोस्टर लगा है दिनभर में जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी उसी मार्ग से गुजरते है लेकिन किसी की भी नजर नही पड़ी। वही कही यदि यह होर्डिंग सत्ता पक्ष के नेताओ के अलावा किसी और कि होती तो गूंगे बोले पड़ते है लेकिन सत्ता है इसलिए चुप रहने में भलाई समझते है।
कब हटेगी अवैध होर्डिंग...?
शहर के प्रमुख मार्गों में लंबे-चौड़े स्थानों पर लगी अवैध होर्डिंग ननि के जिम्मेदारों को न जाने क्यों नही दिख रहा है।कही ऐसा तो नही की ननि के जिम्मेदारों ने मौन सहमति दे दी हो..? कुछ भी हो हर व्यक्ति के नियम-कानून एक सा होना चाहिए। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि आखिर कब ननि अमला नींद से उठता है और शहर में लगी अवैध होर्डिंगों को उखाड़ फेंकता है। हालांकि ननि की इतनी गहरी नींद आसानी से हमे नही लगता कि टूटने वाली है और यह विषय इसलिए और संदेहात्मक हो जाता है क्योंकि विषय सत्ता पक्ष से जुड़ा है इसलिए हर कोई सीधे भिडने में सोंचता है।