Subscribe Us

SINGRAULI NCL- अपने ही कर्मचारियों को संतुष्ट नही कर पा रहा एनसीएल अमलोरी परियोजना

मास्क की गुणवत्ता को लेकर उठाया सवाल,कहा होनी चाहिए जांच



सीटियां ने अमलोरी जीएम को लिखा पत्र,आम जनता में वितरित मास्क कितने गुणवत्तापूर्ण..?


नोखी आवाज सिंगरौली। कोरोना का प्रकोप कितना भयावह होता जा रहा है। सभी को भली-भांति ज्ञात है। कोरोना वायरस महामारी का रूप लेकर सभी को चिंतित कर दिया है। अब तक जिले में कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या 873 हो चुकी है 20 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। वही दूसरी और कंपनी प्रबंधन भी कर्मियों के जीवन का परवाह किए बिना कार्य करवा रही है। ताजा मामला एनसीएल अमलोरी परियोजना से प्रकाश में आया है, जहां एनसीएल कर्मियों ने अमलोरी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि परियोजना अंतर्गत गुणवत्ता हीन मास्क दिया जा रहा है। जो कोरोना वायरस से क्या जंग लड़ेगा..? धूल डस्ट भी नही सहन नहीं कर सकता है,कोरोना तो दूर की बात है। भारी लापरवाही को लेकर कोल इंडिया आईटीआई एम्पलाइज एसोसिएशन शाखा अमलोरी ने जीएम को पत्र लिखकर कड़ा ऐतराज जता कर गुणवत्ता मास्क के साथ कोरोना किट उपलब्ध कराने की बात कही है।



कोरोना काल मे अमलोरी परियोजना में जमकर गड़बड़ झाला..?


इस कोरोना महामारी में सभी सतर्कता व सावधानी बरत कर कार्य करने में जुटे है। एनसीएलकर्मी भी कोयला उत्पादन क्षमता पर जोर देकर कार्य कर रहे हैं। कोल इण्डिया एसोसिएशन ने जीएम को पत्र लिखकर एनसीएल कर्मियों के जीवन के साथ हो रहें  खिलवाड़ के बारे में अवगत करा कर कोरोना से बचाव संबंधित किट उपलब्ध कराने को कहा है। हालांकि चिंतन करने वाली बात यह है कि जब एनसीएल कर्मियों को घटिया किश्म का मास्क मिल रहा है तो आम जनता के बीच वितरित होने वाले मास्क की क्या क्षमता होगी इसका अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है। जिससे अमलोरी परियोजना में कोरोना काल मे वितरित कोरोना किट की जांच होनी चाहिए। जानकारों का मानना है कि उक्त मामले की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो बड़े घोटाले से पर्दा हट सकता है।


अमलोरी के सीएसआर फंड की हो जांच 


एनसीएल के विभिन्न परियोजनायों में सीएसआर फण्ड की राशि से दर्जनों कार्य कराएं जाते है। वैसे इन दिनों तो कोरोना काल में अधिकतर मास्क, सेनेटाइजर, हैंडवाश वितरण किया जा रहा है। वही एनसीएल कर्मियों को कोरोना बचाव से जुड़ी किसी प्रकार की सामग्री वितरित नहीं की जाती है,जिससे भारी आक्रोश व्याप्त है। वही यूनियन के नेताओं ने सीएसआर फंड की जांच की के लिए मन ही मन योजना बना रहे हैं। लिहाजा इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए और दोषियों के ऊपर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए। अब देखना यह होगा कि एनसीएल प्रबंधन उक्त मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और मास्क, सेनीटाइजर जैसे गुणवत्ताहीन सामग्री वितरित करने वाले जिम्मेदारों पर क्या एक्शन लेता है यह देखना बांकी है..?