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SINGRAULI JAYANT- ज्योति स्कूल में हो रहे मेंटेनेंस कार्य में करप्शन,जाँच की उठी मांग

 



मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था  दरकिनार,नेतागिरी की बूं


अनोखी आवाज़ सिंगरौली। केंद्र सरकार ने अनलॉक 5  गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि स्कूल, कॉलेज खुल सकते हैं। जिस पर निर्णय राज्य सरकार करेगी और कोविड-19 के दायरे में अभिभावक की मंजूरी से बच्चे स्कूल जाएंगे। उम्मीद है कि 15 अक्टूबर से स्कूल, कॉलेज नियमों के अनुसार खुल सकतें है। हालांकि कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी। जानकारी के अनुसार ज्योति स्कूल जयंत में  मेंटेनेंस कार्य हो रहा हैं,आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी कर करप्सन हो रहा है। आधे-अधूरे कार्य में स्कूल का गेट कैसे खुलेगा...? ये प्रश्न सभी के जुबान पर है। एनसीएल के टेंडर के तहत होनें वाले कार्यो को लेकर आये दिन सवाल उठते है। वही कार्यो की बारीकी से जाँच न होनें के कारण सविंदाकार का मनोबल बढ़ता जा रहा है। 


नेतागिरी की बूं,मजदूरों का हो रहा है शोषण 


एनसीएल द्वारा टेंडर के तहत प्रक्रिया से कार्य तो होते हैं। लेकिन आए दिन गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया जहां ज्योति स्कूल जयंत में हो रहे मेंटेनेंस कार्य लो क्वालिटी का हो रहा है। और कार्य हों भी क्यों ना संविदाकार कें तार नेतागिरी से जुड़े हुए है। वही दूसरी और मजदूरों को कोविड-19 के नियम के तहत जुड़े किसी प्रकार की व्यवस्था नही है। न मास्क, न सेनेटाइजर न सेफ्टी से जुडी किसी प्रकार की सुरक्षा,जिससे प्रतीत होता है कि मजदूरों का शोषण हो रहा है। 


करोड़ों की लागत से होना है निर्माण कार्य


एक तरफ स्कूल खुलने की कवायद जोरों पर है। लेकिन मेन्टेन्स कार्य अभी तक पूर्ण नही हुआ है। जिससे स्कुल खुलने को लेकर चर्चायों का बाजार गर्म है। जानकारी के अनुसार ज्योति स्कूल जयंत में स्टोन टाइल्स, डोर, विंडो, छत रिपेयर, बिल्डिंग प्लास्टर का कार्य होना है। सूत्र बतातें है कि निर्माण कार्यो की लागत सवा करोड़ के आस,पास है। गुणवत्ता को दरकिनार कर प्रबंधन को खुलेआम चुनौती देकर कार्य कर रहे है। वही प्रबंधन को एक एक बिंदु पर जाँच कर फर्म पर उचित कार्यवाही करनी चाहिए।