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singrauli- भास्कर मिश्रा ने नीलकंठ कंपनी की मनमानी को लेकर भरी हुंकार 

5 से अनिश्चितकालीन धरना की चेतावनी,सिंगरौली के बेरोजगार युवाओं को मिले रोजगार 


नोखी आवाज सिंगरौली जिले में लगातार बढ़ती बेरोजगारी व कंपनियों की मनमानी को देखते हुए कांग्रेसी नेता भास्कर मिश्रा ने हुंकार भरते हुए कहा है। कि सिंगरौली के स्थानीय युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दो अन्यथा काम बंद करो श्री मिश्रा ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि नीलकंठ ओबी कंपनी जो गोरबी में कार्यरत है। वहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता ना देकर दलालों के माध्यम से भर्ती की जा रही है जो 


दलालों के माध्यम से भर्ती, जीएम भी शामिल


कांग्रेसी नेता भास्कर मिश्रा ने चार सूत्री मांगों का पत्र कलेक्टर को सौंपते हुए कहा कि नीलकंठ कंपनी में दलालों के माध्यम से भर्ती की जा रही है। जिससे कंपनी जीएम आलोक चंद्रा भी शामिल है। जो एक लाख रूपये लेकर रोजगार दे रहे हैं। ऐसे लोगों को हटाया जाए व कार्यवाही की जाए। उनकी मांगे इस प्रकार हैं। 



1-विस्थापित एवं स्थानीय युवाओं को उनकी योग्यता के हिसाब से अर्थात जिसके पास जो डिग्री है या तकनीकी योग्यता है और मैं कंपनी में ऐसी योग्यता या तकनीकी पद है तो उस हिसाब से रोजगार दिया जाए।


2-स्थानीयता का अर्थ सिंगरौली जिले का मूल निवासी माना जाए अर्थात जिनके पूर्वज कम से कम तीन पीढ़ियों से सिंगरौली जिले की निवासी हो। क्योंकि देखा गया है कि अन्य प्रदेशों तक के लोग यहां आकर एक शपथपत्र देकर वोटर आईडी बनवा कर स्थानीय बनकर मूल निवासियों के हक को छीन रहे हैं।


3- विस्थापितों और बेरोजगारों के द्वारा बताया गया कि कुछ बाहरी दलाल और कंपनी का जीएम  आलोक चंद्रा और अन्य मिलकर लगभग एक लाख  तक लेकर रोजगार देने का नाम पर व्यवसाय कर रहे हैं। यहां तक कि बहुत से लोगों से पैसा लेकर भी रोजगार नहीं दिया गया अतः दोनों ही आरोप का राजपत्रित अधिकारी से जांच करा कर दोषियों पर मुकदमा कायम हो और ऐसे कर्मचारियों को तत्काल कंपनी निकाल बाहर करें।



4- कोविड की वजह से विशेष स्थितियां पैदा हो गई हैं। और बीटेक, एमबीए आदि के आधार पर बाहर काम करने वालों की नौकरी चली गई है। और वह भुखमरी की कगार पर हैं। अतः विशेष परिस्थिति मानते हुए प्रबंधन के दो, चार, पद छोड़कर सारे पद से स्थानीय रोजगार निवासियों को दिया जाए।


पांच से अनिश्चितकालीन धरना


नीलकंठ होगी कंपनी की मनमानी और दलालों की सक्रियता के कारण स्थानीय विस्थापित का शोषण हो रहा है। जिसको देखते हुए भास्कर मिश्रा ने कहा कि 5 अक्टूबर से कंपनी गेट के सामने प्रदर्शन होगा यदि कंपनी प्रबंधन समय रहते मांग नहीं मानता तो यह आंदोलन आगे चलकर उग्र रूप लेगा। श्री मिश्रा ने बताया कि इस आंदोलन में हजारों संख्या के युवा पहुंचेंगे।