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SINGRAULI NEWS-शर्म न आई कोटेक्ना प्रबंधन को- रोते बिलखतें परिवार को 10 हजार देकर जताया एहशान

4 वर्षो से कंपनी को दे रहा था सेवाएं,कैम्पर ने मारी टक्कर



कंपनी प्रबंधन के फरमान के बाद जा रहा था कागज बनवाने,और सीएमपीडीआई के पास हो गया हादसा


 


अनोखी आवाज सिंगरौली। जिले की सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन सड़क दुर्घटनाएं से असमय मासूम लोगों की दर्दनाक मौत हो रही है। इसके बाद भी जिला प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रही है...? ऐसा ही सड़क दुर्घटना से जुड़ा बीते सोमवार को प्रकाश में आया। घटना जयंत चौकी क्षेत्र अंतर्गत सीएमपीडीआई गेट के समीप बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार मृतक मुकेश शुक्ला निवासी-लक्ष्मी मार्केट जयंत निगाही में कार्यरत कोटेक्ना कंपनी में 4 वर्षों से सुरक्षा गार्ड के पद पर कार्यरत था। जो अपने पोशाक व वाकायदा परिचय पत्र लटकाकर ड्यूटी के कार्य से कार्य स्थल पर जा रहा था। लेकिन मासूम युवक को लापरवाह कैंपर वाहन चालक ने जोरदार टक्कर मार दिया। जिससे युवक को गंभीर चोट आने से नेहरू अस्पताल में ले जाया गया जहाँ उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि ड्यूटी न रहने के बावजूद कंपनी प्रबंधन ने बीटीसी देने के लिए बुलाया था। हालांकि सत्यता क्या है पुलिस के जांच के बाद ही सबके समक्ष आएगा। 


 


परिजनों ने घंटों किया हंगामा,पुलिस के समझाइस के बाद हुआ पीएम


 


वही सड़क, वही साइकिल, वही आदमी.... लेकिन कौन जानता था मुकेश शुक्ला की सड़क हादसे में मौत हो जाएगी 4 वर्षों से कंपनी में कार्यरत उसी रोड से रोजाना आवागमन करते थे। जैसे ही सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी परिजनों व साथी मजदूरों को लगी फ़ौरन नेहरू अस्पताल पहुंचकर कोटेक्ना कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया। कंपनी प्रबंधन व मृतक के परिजनों के बीच घंटों वार्ता के बाद भी उचित निष्कर्ष नहीं निकला। अंतिम में जयंत चौकी प्रभारी महेंद्र सिंह ने मृतक के परिजनों को समझाइश देकर शव को पीएम के लिए रवाना किया। 


 


कंपनी प्रबंधन की शर्मनाक दरियादिली,एक जान की कीमत दस हजार


 


एनसीएल के दर्जनों परियोजनाओं में कार्यरत कोटेक्ना कंपनी की दरियादिली। जो सुनेगा, जो पढेगा, शर्म से झुक जाएगा.... मृतक चार वर्षों से कंपनी में कार्यरत था। लेकिन कोटेक्ना कंपनी के प्रबंधक ने मृतक मुकेश शुक्ला की जान की कीमत मात्र 10 हजार लगाई। परिजनों व पूर्व पार्षद अलख राम वैश्य ने सहायता राशि के रूप में पचास हजार की राशि मांग की थी। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने अपनी जिद के आगे परिजनों के साथ प्रशासन को जीरो समझ कर सभी बातों को इंकार कर दिया।


 


परिजनों की मांग,लापरवाह चालक जाये जेल


 


आए दिन सड़क हादसे में मासूम लोगों की मौत हो रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन लापरवाह चालकों को सलाखों की हवा नहीं खिला रही है। जिससे चालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। मृतक के परिजनों ने 4 वर्ष के मासूम पुत्र के सर से पिता का छाया छीनने वाले लापरवाह चालक को जेल भेजने की मांग की है। वहीं प्रभारी ने परिजनों को आश्वासन देकर बताया कि मुकदमा दर्ज है अवश्य कार्यवाही की जाएगी। अब देखना है कि चालक पर ठोस कार्यवाही होतीं हैं या रात गयी बात गयी..चरितार्थ न हों जाए।