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SINGRAULI NEWS-हे भगवान तुम्ही कुछ करो-- नेहरू की व्यवस्थाएं दिनों दिन होती जा रही बदहाल

खून जांच केंद्र से नदारद रहते हैं कर्मचारी,भगवान भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्था



मरीज परेशान,किसे करे शिकायत...? कोई नहीं सुनता..समझता...?


 


नोखी आवाज़ सिंगरौली। एनसीएल जयंत परियोजना अन्तर्गत नेहरु चिकित्सालय हमेशा विवादों से घिरा रहता है। अस्पताल में विवाद ज्यादा उपचार कम की शिकायतें सभी की जुबां पर हैं। कभी डॉक्टरों की मनमानी...तो कभी सुरक्षा गार्ड की दबंगई को लेकर एक बात तो तय है कि समय रहते व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो बड़ी घटना घट सकती है...? ऐसे ही मनमानी से जुड़ा पुनः मामला प्रकाश में आया है। जहां नेहरू अस्पताल में खून जांच केंद्र प्रयोगशाला बनाया गया है। जहां अस्पताल में उपचार मरीज व प्रसूताओं की खून की जांच होती है। लेकिन कर्मचारी केंद्र में उपस्थित नही रहते है। जिससे मरीज को सेम्पलिंग रखने व रिपोर्ट लेने में कभी मुसीबते उठानी पड़ती है। 


 


कर्मचारियों का तानाशाही रवैया, कौन लगाएगा लगाम...?


 


एनसीएल की देख रेख में संचालित तथाकथित सर्वसुविधायुक्त अस्पताल नेहरू शताब्दी चिकित्सालय की बदहाल व्यवस्था की ओर कई बार एनसीएल प्रबंधन का कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन परिणाम शून्य निकला। मरीज के परिजन बताते हैं कि कोई भी मरीज जांच लेकर जाते है तो कुछ देर तो जांच करने वाले को कमरा-कमरा ढूंढते है मिलने के बाद सीधे मुँह बात तक नही करते। कर्मचारियों के व्यवहार से ऐसा लगता है मानो उनसे फाइनेंस कराई गई वस्तु की किश्त मांगने आये है। पूरी दास्तान कुछ यूं है कि लंबे इंतजार के बाद मरीज हिम्मत जुटाकर वातानुकूलित कमरे में बैठे कर्मचारियों से सवाल करते हैं तो कर्मचारी सीधे मुंह बात नहीं करते और गुरूर भरे शब्दों से फटकार लगाकर मरीजों को बाहर इंतजार का हवाला देकर गप्पबाजी में व्यस्त हो जाते हैं। जिसको लेकर आये दिन जाँच केंद्र में कर्मचारी और मरीजो के बीच कहा-सुनी होती है। 


 


ड्यूटी का हवाला देकर,मरीज को करते हैं गुमराह 


 


जानकारी के अनुसार खून जांच कराने गए मरीज के परिजनों द्वारा कर्मचारियों को खून की शैंपीलिंग जमा करने के लिए प्रयोगशाला में मौजूद कर्मचारियों से जानकारी लेते हैं। तो मौजूद कर्मचारी एक दूसरे की ड्यूटी का हवाला देकर मरीजों को गुमराह करते रहते हैं। लोग बतातें है कि कर्मचारी एक दूसरे के ड्यूटी का हवाला देकर बदतिमीजी से बात करतें है। ऐसे बदहाल व्यवस्था पर एनसीएल प्रबंधन को जल्द ही लगाम लगाना होगा अन्यथा कहीं ऐसा ना हो कि आए दिन फिर बीते दिनों की तरह डॉक्टर और मरीज के परिजनों में हाथापाई की स्थिति निर्मित हो। अब देखना यह होगा कि खबर के बाद एनसीएल प्रबंधन किस तरह का है निर्णय लेता है..?