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SINGRAULI-कोतवाल अस्वस्थ क्या हुए..? अवैध रेत कारोबारियों की आई बाढ़

दिन के उजाले में ट्रैक्टरों से बेखौफ परिवहन, मुसाफिरों की फजीहत



अनोखी आवाज सिंगरौली। जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है अब तक इस संक्रमण में कई नेता,वकील पत्रकार,पुलिसकर्मी आए थे। लेकिन बीते दिनों रीवा से आई रिपोर्ट ने सनसनी फैला दी इस रिपोर्ट में शहर कोतवाल अरुण पाण्डेय को कोरोना पॉजिटिव बताया है। हालांकि उनका इलाज चल रहा है,और विश्वास है कि 


वेजल्द स्वस्थ हो जाएंगे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि उनके संक्रमण की खबर लगते ही एक बार पुनः ट्रैक्टर से अवैध रेत का परिवहन करने वाले की चांदी हो गई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब दिन के उजाले में रेत खुलेआम लेकर यहां वहां जा रहे हैं तो रात के नजारे के बारे में बखूबी कल्पना की जा सकती है।


 


मनमाने रेत के साथ,रफ्तार पर नियंत्रण नही


 


पुलिस कप्तान के सख्त आदेश के बाद जिले में अवैध रेत खनन व परिवहन पर लगभग अंकुश लग गया था। लेकिन जैसे-तैसे समय बीता आदेश भी शिथिल पड़ता गया, इतना ही नहीं अवैध रेत खनन व ट्रैक्टर से परिवहन करने वालों की दिल की आरजू तब और भी पूरी हो गई जब उन्हें खबर लगी की कोतवाल कोरोना संक्रमित हो गए। जिससे बे-रोकटोक परिवहन करने में लगे हैं। उन्हें भी पता है कि यह कारोबार लंबा नहीं चलने वाला,जिससे ग्राहकों की जेब पर डाका डालने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जो रेत एक समय ₹800 से पंद्रह सौ तक मिलती थी। आज वही रेत चार से पांच हजार रुपए ट्राली हो गई है लिहाजा ट्रैक्टर संचालक लोगों की मजबूरी का बखूबी फायदा उठा रहे हैं।


 


होगी कार्यवाही या जारी रहेगी भर्रेशाही...?


 


कोतवाल अरुण पांडेय तो करोना से अस्वस्थ हैं। लेकिन अन्य पुलिसकर्मी तो थाने में मौजूद है। उन्हें तो भर्रेशाही पर रोक लगाना चाहिए । सुबह से शाम तक दर्जनों ट्रैक्टर खुलेआम चल रहे हैं। थोड़ा आश्चर्य और चौंकाने वाली बात तो यह है कि कोतवाली के सामने से भी ट्रैक्टर संचालक रेत लेकर पुलिस को खुली चुनौती देते हुए जा रहे है। अब देखना यह होगा कि पुलिस ऐसे अवैध रेत कारोबारियों पर क्या कार्यवाही करती है...?