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सिगरौली: हाल ए एनसीएल- घर के लडिका गोही चाटे.. मामा खाये आमवाट 

 



यूपी सरकार को दिए 5 करोड़,सिंगरौली में उठे विरोध के स्वर


नेताओ की नाकामी,सीएसआर में बंदरबाट


अनोखी आवाज सिंगरौली। नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा बीते दिवस यूपी के योगी सरकार को 5 करोड़ का चेक दिया गया। और बताया गया कि उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए 50 एंबुलेंस गाड़ियों के खरीददारी के लिए यह राशि सहयोग के रूप में उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को दी गई है। जैसे ही उक्त बात की जानकारी सिंगरौली के आम आवाम को लगी विरोध के स्वर उठने लगे। लोगों में चर्चा है कि कई वर्षों से सिंगरौली में एनसीएल कार्यरत है, यदि अभी तक प्रयास किया होता तो सिंगरौली की तस्वीरें बदल गई होती। लेकिन प्रयास के नाम पर केवल कोरमपूर्ति की गई। एनसीएल के सीएसआर की राशि का भी हमेशा से बंदरबांट होते आ रहा है.? चिकित्सा, शिक्षा सहित मूलभूत सुविधाओं की समस्या से गुजर रहे लोगों के प्रति यदि एनसीएल ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से किया होता तो आज सचमुच में उर्जाधानी सिंगापुर बन गई होती।


काश! सिंगरौलीवासियों की भी चिंता करता एनसीएल 


एनसीएल नें उत्तरप्रदेश में बेहतर स्वस्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से 50 एंबुलेंस की खरीदारी के लिए 5 करोड़ का चेक देकर बेहद सराहनीय कार्य किया है। लेकिन सीएमडी प्रभात कुमार सिन्हा ने सिंगरौली के लोगों के प्रति भी काश कभी इतनी चिंता जताई होती तो जिले में जो स्वास्थ्य की बदहाली है वैसा हाल पूरे देश में नहीं होगी। बेहतर स्वास्थ सुविधाओं के लिए एनसीएल का नेहरु शताब्दी चिकित्सालय है।लेकिन वहां कितना बेहतर इलाज होता है यह किसी से छिपा नहीं है।


नेताओं की नाकामी


देश प्रदेश में अच्छा-खासा राजस्व देने के लिए चर्चित सिंगरौली जिला हमेशा से उपेक्षा का शिकार होता रहा है। इससे पीछे यदि नेताओं की नाकामी रहे तो बड़ी बात नही होगी।चाहे सांसद रीती पाठक हो अथवा सिंगरौली विधायक रामलल्लू बैश्य हों। इनके द्वारा एनसीएल प्रबंधन पर दबाव नहीं बनाया गया कि जिले की बदहाल व्यवस्था दुरुस्त करना आपकी भी जिम्मेदारी है। इतना ही नहीं जानकारों की मानें तो प्रतिवर्ष एनसीएल के विभिन्न परियोजनाओं में करोड़ों रुपए सीएसआर से खर्च होतें है। लेकिन वह पैसा कहां खर्च होता है।कोई पूछने, रोकने, टोकने वाला नहीं है। जिससे साफ दिख रहा है कि एनसीएल सिंगरौली वासियों के प्रति सौतेला व्यवहार करता रहा है..? जिस कारण यदि कहा जाए कि घर के लड़िका गोही चटाय.. मामा खाये अमावट... तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी।


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