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सिंगरौली: दिन के उजाले में ट्रेन रोककर हो रही कोयला चोरी 

कोतवाली थानान्तर्गत गनियारी का मामला, अमलोरी से रिहंदनगर जाती है मालगाड़ी


सीआईएसएफ की भूमिका संदिग्ध,प्रतिदिन लाखों की चंपत 


अनोखी आवाज न्यूज़ सिंगरौली। जिले में सीकेडी का कारोबार तो चल ही रहा है लेकिन एक ऐसा भी कारोबार है जो दिन के उजाले में खुलेआम चल रहा है । कोई रोकने -टोकने वाला नहीं है इतना ही नही बल्कि सुरक्षा में लगे लोगो की भी भूमिका संदिग्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एनसीएल के अमलोरी परियोजना से प्रतिदिन कोयला लेकर रिहंदनगर उत्तरप्रदेश जाने वाली मालगाड़ी को कई स्थानों पर रोककर कोयला चोरी किया जाता है । जिससे जानकारों की माने तो अनुमानतः लाखों की चंपत प्रतिदिन एनटीपीसी रिहंदनगर को लग रही है।



 


दिन के उजाले में हो रहा खेल


 


हिर्रवाह गनियारी रेलवे क्रॉसिंग के आसपास मालगाड़ी रोक कर कोयला पार करने का यह खेल कोई नया नहीं है। वर्षों से चलते आ रहा है इतने वर्षो में यदि कुछ बदला है तो वह यह कि अब यह खेल दिन के उजाले में होने लगा है। ये कोयला चोर इतने निर्भीक हैं कि उन्हें किसी का भय नहीं है। न सीआईएसएफ़ का न ही पुलिस सहित तमाम लोगों का। विश्वस्त सूत्रों की माने तो यहाँ कोयला चोरी पूरी प्लानिंग के तहत होती है कुल मिलाकर कहें कि इस चोरी में पूरा रैकेट शामिल है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। हालांकि एनटीपीसी रिहंद नगर प्रबंधन यदि उक्त मामला को गंभीरता से ले तो पूरे मामले से पर्दा उठ सकता है।


 


सीआईएसएफ की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल


 


एनसीएल की अमलोरी परियोजना से प्रतिदिन कोयला लेकर एनटीपीसी रिहंद नगर जाने वाली मालगाड़ी ट्रेन आए भोर में तकरीबन 4:00 से 5:00 के बीच आसपास के कुछ नामचीन बदमाश योजनाबद्ध तरीके से ट्रेन रोककर कोयला चुराते हैं। आपको बता दें कि एनटीपीसी प्रबंधक ने सुरक्षा की दृष्टि से सीआईएसफ गार्ड तैनात कर रखे हैं लेकिन ना जाने यह गार्ड चोरी के दौरान कहां आराम फरमाते रहते हैं। इस प्रतिदिन के वाकये को देखकर जानकारों का मानना है कि सीआईएसएफ की भूमिका मिली जुली नजर आती है। हालांकि पूरे मामले की जांच के बाद ही दूध का दूध पानी का पानी हो सकता है।