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सचिन पायलट के लिए बंद हुए काँग्रेस के दरवाजे, पायलट समर्थक विधायकों की होगी घर वापसी

 


 अशोक गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये नाराज विधायकों को मनाने की करेंगे कोशिश



राजस्थान में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है।राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर आज दोपहर एक बजे सुनवाई करेगी। हालांकि, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत इससे पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मीडिया से सचिन पायलट के बागी तेवर और विधायकों के हाईकोर्ट जाने को लेकर बातचीत कर सकते हैं। माना जा रहा है कि गहलोत इस कॉन्फ्रेंस के जरिए नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश कर सकते हैं।


इस बीच, कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट की वापसी के लिए बुधवार को जो दरवाजे खोले थे, गुरुवार को उन्हें बंद करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी अब नामुमकिन दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी शुक्रवार को पायलट समर्थक 4-5 विधायकों की सदस्यता खत्म करने के आदेश जारी कर देंगे। हालांकि, सचिन पायलट समेत सभी बागी विधायकों की सदस्यता खत्म नहीं जा रही है, क्योंकि पार्टी को उम्मीद है की पायलट के कई समर्थक विधायक कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं।


इससे पहले विधायकों की याचिका पर गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, पायलट खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर सुनवाई हुई और उसे खंडपीठ के पास भेज दिया गया। बता दें कि कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के जरिए सचिन पायलट समेत जिन विधायकों को नोटिस जारी कराया था। जिसके बाद पायलट खेमे ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में अपनी स्थिति और मजबूत करने के लिए सचिन पायलट की सदस्यता तक पर खतरे के संकेत दे चुके हैं। गहलोत ने एक दिन पहले ही पायलट पर निशाना भी साधा था।



केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में चल रही सियासी सरगर्मी पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी तनाव ऑटोपायलट और फाइटर पायलट के बीच की जंग है। गहलोत पर निशाना साधते हुए शेखावत ने कहा है कि उनका हर बयान कांग्रेस पर गांधी परिवार के हक की भावना झलकाता है।


 


कांग्रेस विधायक बोले- मेरा वायरल हो रहा ऑडियो फेक है


राजस्थान की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। एक दिन पहले ही कांग्रेस के बागी विधायकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने विधायकों के सरकार गिराने के सबूत के तौर पर कुछ ऑडियो क्लिप्स शेयर की थीं। इसमें एक में विधायक भंवर लाल शर्मा को राजस्थान में सरकार गिराने की बात कहते सुना जा सकता है। हालांकि, अब भंवर लाल शर्मा ने कहा है कि यह ऑडियो फेक है। सीएम गहलोत की निराशा के बीच उनके ओएसडी लोकेश शर्मा विधायकों के फर्जी ऑडियो क्लिप बना रहे हैं।



 भाजपा विधायकों ने पायलट के बयान को हताशा भरा बताया



भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ विधायकों ने सचिन पायलट के उस बयान को हास्यास्पद व हताशा भर बताया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता से किए वादे पूर करने के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आवंटित बंगले को बचाए रखने में उनकी मदद कर रहे हैं। भाजपा के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल तथा पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पायलट का यह बयान हास्यास्पद है और उनकी हताशा को दर्शाता है। बयान के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री राजे को सरकारी आवास उन्हें वरिष्ठ विधायक के रूप में आवंटित है। इस श्रेणी के आवास समय-समय पर वरिष्ठ विधायकों को आवंटित किए जाते हैं। बयान में कहा गया, अच्छा होता कि पायलट यह बताते कि वह बिना पद के ही पांच केनिंग रोड के बंगले में किस हैसियत से रह रहे हैं?


 


सचिन खेमे के बागी विधायकों की याचिका पर 17 जुलाई को सुनावाई


राजस्थान उच्च न्यायालय, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को चुनौती देने वाली बागी विधायकों की याचिका पर 17 जुलाई को सुनवाई करेगा। याचिका पर गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, पायलट खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों को भेजे गए इस नोटिस पर न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा की अदालत में सुनवाई होगी। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया। 


 


पायलट खेमा अयोग्य करार देने नोटिसों के खिलाफ नयी याचिका दाखिल करेगा


राजस्थान उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सचिन पायलट और 18 अन्य बागी कांग्रेस विधायकों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिसों को चुनौती देने के लिए संशोधित याचिका दाखिल करने का समय दिया है। राज्य विधानसभा से असंतुष्ट विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ उनकी याचिका पर अपराह्न तीन बजे सुनवाई हुई। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसमें संशोधन के लिए समय मांगा। साल्वे ने दलील दी कि विधायक नोटिसों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं और उन्हें इसे नये सिरे से दाखिल करने के लिए और वक्त चाहिए। अब उच्च न्यायालय की खंडपीठ मामले में सुनवाई करेगी।