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राजस्थान CM अशोक गहलोत के भाई के घर पर ED का छापा

राजस्थान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट समेत सभी 19 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पीकर को 24 जुलाई तक कार्रवाई के लिए रोका है। स्पीकर का कहना है कि उन्होंने संविधान के अनुसार काम किया है। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने उर्वरक घोटाले मे देशभर में छापे मारे हैं। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई भी शामिल हैं।



राजस्थान में सीबीआई द्वारा सीधे जांच पर रोक लगाए जाने के मामले में भाजपा ने कहा है कि सरकार बताए कि वह सीबीआई से क्यों डर रही है। इस मामले में दाल में कुछ काला नजर आ रहा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि सीबीआई जांच को लेकर राजस्थान सरकार द्वारा जााी आदेश से यह लगता है कि कुछ छुपाने के लिए सरकार ऐसा कर रही है। सरकार को किसी भी तरह की जांच से डरना नहीं चाहिए और खुल कर सामने आना चाहिए। सरकार यह नसीहत दूसरों को दे रही है तो उसे खुद भी इसका पालन करना चाहिए। राजस्थान सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर सीबीआई द्वारा राजस्थान मंे सीधे किसी भी मामले की जांच पर रोक लगा दी है और यह तय किया है कि सीबीआई को अब हर केस मंे जांच के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।







फोन टैपिंग मामले में केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान सरकार से मांगी गई रिपोर्ट मंगलवार को चैथे दिन भी मंथन चलता रहा। देर शाम तक यह रिपोर्ट दिल्ली नहीं भेजी गई थी।राजस्थान मंे विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में तीन ऑडियो सामने आए थे। इन पर सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से पुलिस के स्पेशनल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) में दो मामले भी दर्ज कराए गए थे। इन ऑडियो टेप में संजय जैन, विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेन्द्र सिंह की आवाजें बता कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में संजय जैन को गिरफतार किया जा चुका है। इसी मामले पर केन्द्र सरकार ने राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार देर शाम तक रिपोर्ट भेजी नहीं गई थी, हालंकि बताया जा रहा है कि रिपोर्ट इसी आधार पर तैयार की जा रही है