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राजस्‍थान: बगावत करना पड़ा महगा, काँग्रेस आलाकमान ने दिखाया सख्त तेवर, इन नेताओ पर गिरी गाज

राजस्थान में सियासी संकट के बीच मंगलवार (14 जुलाई, 2020) को Congress ने सचिन पायलट को तगड़ा झटका दिया। पार्टी ने उन्हें डिप्टी-सीएम के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) पद से भी हटा दिया है। मंगलवार को यह जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।



फेयरमोंट होटल के बाहर पत्रकारों से सुरजेवाला ने कहा, “पायलट को पिछले 17-18 सालों में कम उम्र में ही अहम पद दिए गए थे। बदकिस्मती की बात है कि वह और कुछ अन्य लोग BJP के बहकावे में आ गए। सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह (पयर्टन मंत्री) और रमेश मीणा (खाद्य आपूर्ति मंत्री) को मंत्री पद से हटा दिया गया है।”


बकौल सुरजेवाला, “मुझे खेद है कि पायलट और उनके खेमे के कुछ लोग बीजेपी के बहकावे में आए गए और अब वह आठ करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए साजिश रच रहे हैं। यह चीज किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जा सकती है।”


पायलट की जगह पर गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया गया है। डोटासरा , मौजूदा समय में प्राइमरी और सेकेंड्री एजुकेशन मिनिस्टर (शिक्षा मंत्री) हैं। वहीं, हेम सिंह शेखावत को सेवा दल का स्टेट प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया है।  वहीं, मुकेश भाकर को भी राजस्थान इंडियन यूथ (IYC) अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। बर्खास्तगी पर भाकर ने ट्वीट कर कहा, “मैं तो चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना हूं। गहलोत कौन होते हैं, मुझे हटाने वाले? गहलोत और उनके मंत्री-विधायक तो पहले ही एक किसान-फौजी के बेटे को हराने में लगे हुए थे।” उनकी जगह गणेश घोगरा को नया स्टेट IYC चीफ बनाया गया है।



इसी बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से जयपुर स्थित राजभवन मिलने पहुंचे। राज्यपाल को सीएम ने पायलट, विश्वेंद्र सिंहऔर रमेश मीणा को बर्खास्त किए जाने का प्रस्ताव दिया, जिसे राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकृति प्रदान की।


उधर, बर्खास्तगी के कुछ ही क्षणों बाद पायलट ने ट्वीट किया, “सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।” इससे पहले, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे खेमे ने सदन में शक्ति परीक्षण कराने की मांग की थी। विधायक दीपेंद्र सिंह के बाद पायलट के करीबी रमेश मीणा ने भी यह मांग की। उन्होंने मंगलवार को कहा, ‘‘सदन में शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) होना चाहिए। इससे उस दावे की पोल खुल जाएगी कि अशोक गहलोत सरकार को 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।’’