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भोपाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कल से 10 दिन का टोटल लॉकडाउन

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 24 जुलाई रात आठ बजे से 10 दिन के लिए फिर लॉकडाउन लगाने की घोषणा सरकार ने की है। इस घोषणा के बाद गुरुवार सुबह से शॉपिंग मॉल और किराना दुकानों पर जरूरी सामान लेने के लिए लोगों की भीड़ लग गई है। भोपाल के कोलार क्षेत्र में स्थित एक शॉपिंग मॉल में सुबह सात बजे से ही लोगों की लंबी लाइन लग गई। यहां शारीरिक दूरी के नियमों के अनुसार ग्राहकों को प्रवेश दिया जा रहा है।



 


लॉकडाउन के दौरान मिलेगी सभी आवश्यक वस्तुएं


सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि भोपाल में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नागरिकों के हित को देखते हुए 24 जुलाई से 10 दिन का लॉकडाउन करने का फैसला किया गया है। लॉकडाउन के दौरान दवाई, फल, सब्जी और दूध सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। सीएम शिवराज ने सभी से नियमों के पालन के साथ कोरोना को लेकर सावधानी बरतने का अनुरोध किया।


लॉकडाउन करने की घोषणा से बैरागढ़ के छोटे एवं मध्यम व्यापारी चिंतित हैं। इस बार लंबे लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को अक्षय तृतीया एवं मांगलिक सीजन की ग्राहकी से हाथ धोना पड़ा था। व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। अब व्यापारियों ने रक्षाबंधन की सीजन के लिए काफी स्टॉक जमा किया है। अब यह सीजन भी फेल होने की संभावना से बाजार में चिंता का माहौल है।


गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि 24 जुलाई को रात्रि 8 बजे से 10 दिन का लॉकडाउन होगा। यानि 25 जुलाई से बाजार नहीं खुलेंगे। उनकी बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही व्यापारी चिंतित हो उठे। बैरागढ़ के थोक कपड़ा एवं बर्तन बाजार में लंबे समय से मंदी का माहौल है। ऐसे माहौल में व्यापारियों को रक्षा बंधन एवं सावन माह की सीजनल ग्राहकी चलने की उम्मीद बंधी थी। लॉकडाउन की घोषणा से व्यापारियों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।


छोटे व्यापारी बेहद चिंतित


10 दिन के लॉकडाउन से छोटे एवं मध्यम फुटकर व्यापारी बेहद चिंतित हैं। रेडीमेड व्यापारी ईश्वर संभानी का कहना है कि दुकानों में काफी स्टाक पड़ा है लेकिन ग्राहकी नहीं है। हमें रक्षा बंधन एवं मानूसन की ग्राहकी का इंतजार था। लॉकडाउन होने से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। हम घर का खर्च कैसे चलाएंगे। सरकार को छोटे एवं मध्यम फुटकर व्यापारियों के बारे में सोचना चाहिए।