भोपाल। सरकार गंवाने के बाद से ही बैकफुट पर चल रही कांग्रेस एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा सरकार के अस्थिर होने की भविष्यवाणी करने लगी है। मंत्री पद की दौड़ में शामिल कई वरिष्ठ विधायकों की पेशबंदी तेज हो गई है और मौका न मिलने पर उनकी नाराजगी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ उपचुनाव में टिकट के दावेदारों के भी विरोधी सुर सुनाई पड़ने लगे हैं। ऐसे में सरकार के स्थायित्व को लेकर जूझ रही भाजपा को अपनों की नाराजगी कहीं भारी न पड़ जाए।
कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सोमवार को दावा किया कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा में कलह बढ़ गई है। यह सही है कि मंत्री पद की दौड़ में शामिल कई विधायकों का दबाव बढ़ा है। इधर, सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आने वालों को मौका देने का संकल्प भी भाजपा को निभाना है।
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी पिछली बार हाटपीपल्या में कांग्रेस के मनोज चौधरी से करीब 13 हजार मतों से हार गए थे। अब चौधरी भाजपा में हैं और उनकी चुनावी तैयारी भी चल रही है। इस बीच दीपक जोशी कई बार अपने तेवर दिखा चुके हैं। इधर,रायसेन के सांची में मुदित शेजवार भी इशारों में अपनी पीड़ा जाहिर कर चुके हैं। ग्वालियर में जयभान सिंह पवैया समेत कुछ और नाम हैं, जिनकी चुप्पी बनी है, लेकिन यह तूफान आने के पहले की खाामोशी बताई जा रही है।